Project Details:
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ProjectJ P SHARMA
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ClientsJ P SHARMA
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Locationlucknow
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Project Year2021
J P SHARMA
इस योजना का उद्देश्य काम करने वाली महिलाओं के लिए सुरक्षित और आसानी से आवास की उपलब्धता को बढ़ावा देना है, जहां भी संभव हो, शहरी, अर्ध शहरी, या उन ग्रामीण क्षेत्रों में भी जहां महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर मौजूद है। यह योजना नवीन भवनों का निर्माण कर अथवा पूर्व में निर्मित भवनों को आवासीय भवन के रूप में विकसित कर संचालित करना है। इस योजना के अन्तर्गत यदि कोई महिला रोजगार अथवा नौकरी हेतु कोई प्रशिक्षण प्राप्त कर रही है तो आवास की कुल क्षमता का 30 भाग उनके सहायतार्थ उपलब्ध कराया जाता है। योजना के अधीन 18 वर्ष से अधिक की महिलाओं/बालिकाओं को आच्छादित किया जाता है। इनकी आवासीय अवधि 3 वर्ष की होती है विशेष परिस्थिति में यह अवधि दो वर्ष के लिए बढ़ायी जा सकती है।
योजना की विशेषताएं
इस योजना के अन्तर्गत यदि कामकाजी महिला के साथ उनके छोटे बच्चों को क्रेश कार्यक्रम कें अन्तर्गत रखा जा सकता है। जब कामकाजी अथवा प्रशिक्षणरत महिला / बालिका अपने कार्य स्थल पर जाती है उस दौरान उनके बच्चों की देखभाल महिला छात्रावास में स्थापित क्रे्रश मे की जाती है।
समर्थन सेवा योजना
योजना के अन्तर्गत कामकाजी महिलाओं/प्रशिक्षणरत बालिकओं के अतिरिक्त उनके छोटे बच्चे जिनमें बालक की आयु 5 वर्ष से अधिक न हो एवं बालिका की आयु 18 वर्ष से अधिक न हो को भी उनकी माॅ के साथ रखा जा सकता है इनके लिए डे-केयर सेंटर की स्थापना भी करायी जा सकती है।
लाभार्थी
इस योजना के तहत काम करने वाली महिलाएं जो अकेले, विधवा, तलाकशुदा, विवाहित हो सकते है विवाहित होने की दशा में उनका परिवार अथवा पति उसी शहर में निवासरत न हो। समाज से वंचित महिलाओं को इस योजना में विशेष वरीयता प्रदान की जाती है। ऐसी महिलाएं भी आच्छादित है जो किसी प्रशिक्षण में प्रशिक्षण प्राप्त कर रही है किन्तु उसकी अवधि एक वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए । उनके लिए आवास की कुल क्षमता का 30 प्रतिशत भाग ही आवंटित किया जा सकता है। इस योजना में 18 वर्ष तक लडकिया एवं 5 वर्ष तक के बच्चे भी अपनी माॅ के साथ रह सकते है। इन बच्चों हेतु आवास में डे केयर सेंटर की भी स्थापना की जा सकती है। आवास में आवासित होने वाली महिला की मासिक आय मेट्रोपाॅलिटन शहरों रू0 50000/- तथा अन्य शहरो में रू0 35000/- से अधिक नहीं होनी चाहिए । यदि आवासित होने की अवधि में इनकी आय में इससे अधिक की बढ़ोतरी होती है तो ऐसी दशा में उसे छः माह के अन्दर आवास को खाली करना होगा। किराये का निर्धारिण निम्न प्रकार होगाः
- सिंगल बेड कक्ष हेतु वेतन का 15 प्रतिशत से अधिक नहीं होगा।
- डबल बेड कक्ष हेतु वेतन का 10 प्रतिशत से अधिक नहीं होगा।
- डोरमेट्री हेतु वेतन का 7.5 प्रतिशत से अधिक नहीं होगा।
- डे-केयर सेंटर में रहने वाली बच्चो का शुल्क उनकी माॅ को प्राप्त हो रहे वेतन का 5 प्रतिशत से अधिक नहीं होगा।
- साफ-सफाई, वाशिंग मशीन व अन्य सुविधाओं हेतु पृथक से शुल्क लिया जा सकेगा।
- महिला छात्रावास मे आवास होने की अवधि अधिकतम 3 वर्ष की होगी। जिला महिला कल्याण इकाई की संस्तुति उपरांत यह अवधि 2 वर्ष तक बढायी जा सकती है अर्थात आवास की अवधि पांच वर्ष से अधिक नहीं होगी।
- उ0प्र0 महिला कल्याण निगम द्वारा भारत सरकार की एकल श्रमजीवी महिला छात्रावास योजना अन्तर्गत भारत सरकार एवं राज्य सरकार के वित्तीय सहयोग से प्रदेश में निम्न 07 जनपदों में एकल श्रमजीवी महिला छात्रावासों का निर्माण कराया गया हैः
क्र० | जनपद | स्वीकृत क्षमता |
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1 | लखनऊ | 110 |
2 | अयोध्या | 48 |
3 | वाराणसी | 34 |
5 | कानपुर | 140 |
6 | आगरा | 58 |
7 | गोरखपुर | 34 |
8 | प्रयागराज | 58 |
उपरोक्त छात्रावास के भवन जर्जर होने के दृष्टिगत मात्र जनपद लखनऊ में स्थित छात्रावास संचालित है । इसके अतिरिक्त नोएडा अथारिटी द्वारा सेक्टर-62, नोएडा में निर्मित 500 बेड के छात्रावास का संचालन भी निगम द्वारा किया जा रहा है। संचालित छात्रावासों का विवरण निम्न प्रकार हैः
क्र० | जनपद | स्वीकृत क्षमता | आवासित संख्या |
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1 | लखनऊ | 110 | 66 |
2 | नोएडा | 500 | 60 |